'डायबिटीज के साथ भी खुशहाल जीवन' किताब का विमोचन

'डायबिटीज के साथ भी खुशहाल जीवन' किताब का विमोचन

सेहतराग टीम

दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला के आखिरी दिन आज डॉक्टर अनूप मिश्रा की किताब 'डायबिटीज के साथ भी खुशहाल जीवन' नामक पुस्तक का विमोचन हुआ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री सत्यदेव पचौरी और वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने विशिष्ट अतिथि के रूप में इस पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक के लेखक डॉ. अनूप मिश्रा और पुस्तक का हिन्दी अनुवाद करने वाले sehatraag.com के संपादक सुमन कुमार भी इस अवसर पर मौजूद रहे। ये किताब दो साल पहले आई डॉक्टर मिश्रा की किताब डायबिटीज विद डिलाइट का हिंदी संस्करण है। अंग्रेजी किताब की अबतक 20 हजार से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं।

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इस मौके पर इस किताब से जुड़ी सभी बातों को डॉ. अनूप मिश्रा ने वहां मौजूद लोगों को बताया। लोगों ने डायबिटीज से जुड़ी समस्याओं के बारे में बारी-बारी से अपने सवाल पूछे, जिसके जवाब में डॉक्टर मिश्र ने सभी को डायबिटीज से जुड़ी छोटी से लेकर बड़ी समस्याओं की व्यवहारिक जानकारी दी। इस मौके पर लेखक अनूप मिश्रा ने बताया कि आज के समय में जंक फूड के अलावा कई वजहों से डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे बचने के लिए 10 वर्ष की आयु से ही प्रयास किया जाना चाहिए।

आलोक मेहता ने डॉ. मिश्रा से पूछा की आज के समय में लोग मीठा खाने से डरते हैं और कहते है कि अगर ज्यादा मीठा खाएंगे तो उन्हें डायबिटीज हो जाएगा। क्या ये बात सच है। वही उन्होंने ये भी पूछा कि पहले के लोग कितनी भी मिठाइयां खाते थे लेकिन फिर भी वो तंदुरुस्त रहते थे, तो क्या पहले ये बीमारी नहीं होती थी? इन सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर मिश्रा ने कहा कि सिर्फ मीठा खाने से डायबिटीज नहीं होती बल्कि उस मीठे को पचाने के लिए जिस मेटाबॉलिज्म की जरूरत है वो न हो तब वो मीठा नुकसान करता है। अगर आप मीठा खाते हैं और रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं तो आप डायबिटीज से बच सकते हैं। इसी चर्चा के दौरान किताब के अनुवादक सुमन कुमार ने पूछा कि पहले कि अपेक्षा लोग ज्यादा जागरुक भी हैं फिर भी डाइबिटीज कम नहीं हो रहा है, ऐसा क्यों? इसके जवाब में लेखक अनूप मिश्रा ने बताया कि ये काफी सोचने वाली बात है और इसका समाधान तभी होगा जब बचपन से ही हमें व्यायाम और सेहत का ध्यान रखना सिखाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके समाधान के लिए स्कूल में एक इससे जुड़ा शारीरिक गतिविधि का विषय होना चाहिए। इसकी परीक्षा होनी चाहिए और उसका नम्बर रिजल्ट में जुड़ना चाहिए। तभी लोग ज्यादा जागरूक होंगे और तब जाकर इस रोग से लोग बच पाएंगे।

पुस्तक विमोचन में पहुंचे सत्यदेव पचौरी ने भी इससे जुड़ी समस्याओं को लोगों को बताया। वो खुद 29 सालों से इस बीमारी से पीड़ित हैं। उन्होंने इससे जुड़े अनुभव साझा किए और उन्होंने ये किताब लोगों तक पहुंचाने के लिए डॉक्टर मिश्रा और सुमन कुमार का धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा कि अपनी व्यस्त दिनचर्या में से समय निकाल कर अनूप मिश्रा ने ये किताब लिखी है, जिसे पढ़ने के बाद आम लोग डायबिटीज जैसी बीमारी से बच पाएंगे।

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दुनिया की नामी प्रकाशन कंपनी ब्लूम्सबरी ने इस किताब को प्रकाशित किया है। ये किताब डायबिटीज की संपूर्ण गाइड है जिसमें डायबिटीज से जुड़े हर आयाम की वैज्ञानिक जानकारी दी गई है। गौरतलब है कि डॉक्टर अनूप मिश्रा देश के जाने माने डायबेटोलॉजिस्ट हैं जिन्होंने अपने चिकित्सा करियर का लंबा समय एम्स दिल्ली में बिताया है जहां उन्होंने मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। वर्तमान में डॉक्टर मिश्रा फोर्टिस सी डॉक अस्पताल के प्रमुख हैं।

 

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